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सी.जी सहेली महिला संगठन का भव्य दीपावली मिलन समारोह; निर्धन महिलाओं को मिला उपहार

सी.जी सहेली महिला सेवा संगठन द्वारा बसना ब्लॉक अंतर्गत ग्राम बड़े साजापाली में दीपावली के पावन पर्व पर 'दीपावली मिलन समारोह' का शानदार आयोजन किया गया। संगठन की संस्थापक श्रीमती शारदा नामदेव साहू और अध्यक्ष श्रीमती जेमा उदयनाथ नायक के कुशल मार्गदर्शन में यह समारोह बड़े ही उत्साह और धूमधाम से संपन्न हुआ, जिसने क्षेत्र में सेवा और सद्भाव का संदेश दिया।

इस पुनीत कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज के निर्धन एवं ज़रूरतमंद महिलाओं के साथ खुशियाँ साझा करना था। दीपावली के उल्लास को बढ़ाने के लिए समारोह में उपस्थित गरीब महिलाओं को संगठन की ओर से सम्मानपूर्वक गर्म शॉल, मिठाई और आवश्यक दाल-चावल का वितरण किया गया। संगठन के इस सराहनीय कार्य ने अनेक परिवारों के चेहरे पर मुस्कान ला दी।

संगठन की अध्यक्ष श्रीमती जेमा उदयनाथ नायक ने इस अवसर पर कहा कि दीपावली का त्योहार हमें रोशनी और खुशियाँ बाँटने की प्रेरणा देता है। उन्होंने जोर दिया कि वंचित वर्ग की महिलाओं को सहयोग और संबल प्रदान करना ही सी.जी सहेली महिला सेवा संगठन का प्रमुख ध्येय है। संस्थापक श्रीमती शारदा नामदेव साहू ने संगठन की सभी सदस्यों के निस्वार्थ सेवा भाव की सराहना करते हुए कहा कि एकजुटता से किए गए छोटे-छोटे प्रयास भी समाज में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। उन्होंने भविष्य में बड़े साजापाली और आसपास के क्षेत्रों में महिलाओं के कल्याण हेतु और भी सक्रियता से कार्य करने का संकल्प लिया।

इनकी रही गरिमामय उपस्थिति:=

बड़े साजापाली में आयोजित इस दीपावली मिलन समारोह को सफल बनाने में संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम में संगठन अध्यक्ष श्रीमती जेमा उदयनाथ नायक, उपाध्यक्ष श्रीमती धनेश्वरी सिदार, सचिव श्रीमती गायत्री गौतम साहू, कोषाध्यक्ष श्रीमती फोटो दुर्गेश पटेल, सलाहकार एवं संरक्षक श्रीमती उर्मिला जग्गू निषाद, प्रवक्ता श्रीमती ज्योति सिदार, पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सरिता सिदार, तथा सदस्य कुमकुम, सीमा, और लता बोधराम पटेल प्रमुख रूप से उपस्थित रहीं। इनके अलावा, ग्राम बड़े साजापाली तथा समस्त क्षेत्रीय महिलाओं ने भी उत्साह के साथ इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

सी.जी सहेली महिला संगठन द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल एक मिलन समारोह था, बल्कि यह समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी का एक जीवंत उदाहरण भी था, जिसने दीपावली के पर्व को और भी अधिक सार्थक बना दिया।


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