बलौदाबाजार जिले के कसडोल विकासखंड के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक शाला रागोरा में 16 जून को स्कूल खुलने के दिन ही ग्रामीणों ने तालाबंदी कर दी। यह तालाबंदी पिछले 10-15 वर्षों से शिक्षकों की कमी को पूरा न किए जाने के विरोध में की गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी और शिक्षा मंत्री से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है, जिसके चलते गांव के बच्चों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है।
प्राथमिक शाला रागोरा में कुल 91 बच्चे नामांकित हैं। शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस गंभीर स्थिति के बावजूद, स्कूल के प्रधान पाठक ने दो बच्चों का नाम उनके पालकों की अनुमति के बिना काट दिया है, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा और बढ़ गया है।
ग्रामीणों, पंचों और सरपंचों सहित लगभग 150 लोगों ने एकजुट होकर स्कूल में तालाबंदी कर दी है। उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक उनकी प्राथमिक शाला में पर्याप्त शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जाएगी, तब तक स्कूल का ताला नहीं खुलेगा। इस तालाबंदी में पालक संघ, सरपंच, पंच और अन्य ग्रामीण बड़ी संख्या में शामिल थे, जो अपनी मांग को लेकर दृढ़ संकल्पित दिख रहे हैं।
यह मामला शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन की उदासीनता को उजागर करता है, जहां बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग जल्द पूरी नहीं की गई तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे।
