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छत्तीसगढ़ में अब कैदियों की मौज Chhattisgarh'Open Jail.| चारदीवारी की जगह आलीशान 'घर'!|@ND24TV|News|

सजा काटने में भी आएगा ‘मजा’! घर जैसा माहौल, स्किल डेवलपमेंट पर फोकस… बन रही है 23 करोड़ की ‘खुली जेल’


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छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में 23 करोड़ की लागत से बन रही खुली जेल में कैदियों को घर जैसा माहौल मिलेगा और उन्हें व्यवसायिक हुनर से लैस किया जाएगा. इस जेल में 200 कैदियों की क्षमता होगी और उन्हें वर्कशॉप केंद्र, कृषि भूमि, और अन्य गतिविधियों से जोड़ा जाएगा.

Chhattisgarh Open Jail: जेल... नाम सुनते ही अंधेरी कोठरी, सलाखों के उस पार से झांकते कातिल चेहरे, और भी कई भयानक तस्वीरें जहन में उभर आती हैं. लेकिन ‘खुली जेल' इससे बिल्कुल अलग होती है. दरअसल, देश भर में कैदियों को सुधारने की कवायदें की जाती रही हैं. इसके लिए जेल सुधार की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए जाते रहे हैं. इसी कड़ी में अब छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में 23 करोड़ की लागत से बन रही खुली जेल में कैदियों को घर जैसा माहौल मिलेगा, सजा के साथ-साथ उनको व्यवसायिक हुनर से भी लैस किया जाएगा. 


छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की ओर से जिला मुख्यालय से लगभग 7 से 8 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पथर्रा-चोरभट्टी के पास 23 करोड़ 17 लाख की लागत से लगभग 30 एकड़ एरिया में खुली जेल का निर्माण किया जा रहा है. आजीवन कारावास की सजा काट रहे या लंबे समय से सजायाफ्ता कैदी जिनका व्यवहार अच्छा हो उन्हें इस खुली जेल में रका जाएगा.  

रहेंगे 200 कैदी, नहीं हैं ऊंची दीवारें... 

200 कैदियों की क्षमता वाली इस जेल में पांच बैरक बनाए गए हैं. इस बैरक में कैदियों को रात में रखा जाएगा. जबकि दिन में वह खुले में रहेंगे. साथ ही जो उनके पास हुनर है उस हुनर को निखारने का भी यहां प्रयास किया जाएगा. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस खुली जेल में केंद्रीय जेल की तरह ऊंची दीवारें नहीं हैं बल्कि इसे सिर्फ कंटीले तारों से घेरा गया है. 

वर्कशॉप केंद्र, 10 एकड़ कृषि भूमि और भी बहुत कुछ... 

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, खुली जेल में आने वाले कैदियों के व्यवहार अच्छे होंगे इसी बात को ध्यान में रखते हुए इन कैदियों के हुनर को निखारने के लिए यहां पर कई प्रकार के व्यवस्थाएं की गई हैं. कैदियों के लिए वर्कशॉप केंद्र भी बनाया गया है, जहां पर उन्हें मशीनरी के अलावा अन्य प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियों से जोड़ा जाएगा. इसके अलावा जिन कैदियों की रुचि एग्रीकल्चर में है उनको एग्रीकल्चर से जोड़ा जाएगा. कृषि कार्य के लिए लगभग 10 एकड़ जमीन भी रखी गई है जिसमेंस, मुर्गी पालन, पशुपालन, बकरी पालन के अलावा मछली पालन की भी व्यवस्था की गई है. इसके पीछे कोशिश है कि कैदी खेती करने के नए-नए तकनीक को सीख सकें.

छत्तीसगढ़ की पहली खुली जेल 

राज्य की यह पहली खुली जेल है, जहां पर प्रयोग के तौर पर ऐसे कैदियों को लाया जाएगा,  जिनका व्यवहार अच्छा है. इन कैदियों को घर जैसा माहौल दिया जाएगा. साथ ही उनको परिवार के साथ रहने की भी छूट दी जाएगी. इसके लिए अलग से मकान भी बनाए गए हैं. 

क्या है वजह?   

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की ओर से कैदियों की मानसिक स्थिति को ठीक करने और बंद जेल से उन्हें खुली जेल में शिफ्ट कर समाज से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही उन्हें व्यावसायिक गतिविधियों से जोड़ते हुए उनके हाथों को हुनर दिया जाएगा ताकि जब वह जेल से बाहर आएं तो उनके पास एक कला हो, हुनर हो जिससे वह जीवन-यापन कर सके..|| 


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