छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को विपक्षी सदस्यों द्वारा खाद संकट पर लगातार नारेबाजी किए जाने से प्रश्नकाल बाधित हुआ, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने गहरा खेद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह घटना छत्तीसगढ़ विधानसभा की संसदीय परंपरा को ठेस पहुंचाने वाली है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की टिप्पणी
डॉ. रमन सिंह ने बताया कि रजत जयंती वर्ष में जहां हम अपने संसदीय गौरव और गरिमामयी इतिहास की बात कर रहे हैं, वहीं विपक्ष के विधायकों ने वेल में प्रवेश करने के बाद स्वतः निलंबन होने के बावजूद सदन से बाहर जाने के बजाय नारेबाजी करते हुए विधानसभा की परंपराओं को तार-तार किया और नियमावली की धज्जियां उड़ाईं।
उन्होंने इस व्यवहार को 'अत्यंत दुःखद आचरण' बताया, जिसके कारण उन्हें जनता के मुद्दों से सीधे जुड़े प्रश्नकाल की प्रक्रिया को स्थगित करना पड़ा। डॉ. सिंह ने जोर दिया कि 25 साल के विधानसभा के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ।
सदन में क्या हुआ?
गुरुवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में खाद संकट के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों ने लगातार नारेबाजी की, जिससे प्रश्नकाल बाधित हो गया। स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने विपक्षी सदस्यों को बार-बार आग्रह किया कि वे अपनी सीटों पर लौट आएं, लेकिन उन्होंने गर्भगृह में नारेबाजी जारी रखी। इस पर नाराज होकर स्पीकर को प्रश्नकाल स्थगित करना पड़ा। बाद में उन्होंने दुखी मन से विपक्षी सदस्यों को पूरे दिन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया।
